ए.पी.जे अब्दुल कलाम की जीवनी | A. P. J. Abdul Kalam Biography

परिचय  

अब्दुल कलाम भारत देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारतीय मिसाइल बनाने और उसके विकास के कार्य में अपना योगदान दिया। बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान के विकास कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने से अब्दुल कलाम भारत में मिसाइल मैन के नाम से विख्यात हुए। सन. 2002 में अब्दुल कलाम भारत देश के राष्ट्रपति बने और अगले पाँच वर्ष तक जनता की सेवा की, उसके उपरांत पुन: अपनी कार्यकाल की ज़िन्दगी में लौट गये। भारत देश की सरकार ने इन्हें भारत रत्न व अन्य कई प्रतिष्ठित पुरुस्कार देकर सम्मानित भी किया।

जन्म व बचपन

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक संयुक्त मुस्लिम परिवार में हुआ। अब्दुल कलाम के चार भाई और पाँच बहनें थी। उनकी माता का नाम अशिअम्मा था और उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था, जो अपनी नाव को किराए पर देकर अपना घर चलाते थे। उनके पिता की ज्यादा आय नहीं थी, जिसके कारण घर में आर्थिक समस्या बनी रहती। अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से शुरू की। पढाई के दौरान अपने घर की आर्थिक समस्या के चलते अब्दुल कलाम ने अपनी पढाई को जारी रखने के लिए अखबार बेचने का काम भी किया।

शिक्षा


माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात अब्दुल कलाम ने तिरुचिराप्पल्ली में स्थित सैंट जोसफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सन. 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अब्दुल कलाम ने अपनी अंतरिक्ष विज्ञान की डिग्री प्राप्त की। डिग्री प्राप्त करने बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) में प्रवेश किया और वहाँ पर उन्होंने कई विशेष कार्यों में अपनी भूमिका अदा की। सन. 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में अब्दुल कलाम ने उपग्रह परियोजनाओं को सफलतापूर्वक प्रारंभ करने में अपना सहयोग दिया।

जीवन कार्य


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्वारा अब्दुल कलाम को परियोजना निदेशक के रूप में भारत की पहली स्वचलित उपग्रह मिसाइल बनाने का श्रेय दिया गया और सन. 1980 में अब्दुल कलाम के नेतृत्व में “पृथ्वी” उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ। इस तरह भारत ने भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब में अपनी जगह बनाई। अपने इसरो के कार्यकाल में उन्होंने बहुत से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को परवान चढ़ाया। उन्होंने गाइडेड मिसाइल्स का डिजाइन व भारत में पहला परमाणु परिक्षण जैसे कार्य सलफतापूर्वक किये। उनके कठिन परिश्रम के द्वारा भारत ने भी परमाणु हथियारों की शक्ति प्राप्त की। सन. 1981 में भारत सरकार ने इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित भी किया। अब्दुल कलाम भारत सरकार के मुख्य सलाहकार भी थे। इन्हीं के कारण सन. 1998 में भारत ने दूसरे परमाणु परिक्षण में सफलता प्राप्त की और परमाणु शक्ति से संपन्न देशों में जगह बनाई।

सन. 2002 में भारतीय जनता पार्टी ने अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति के पद का उम्मीदवार बनाया। 18 जुलाई सन. 2002 को अब्दुल कलाम 90% बहुमत से भारत देश के राष्ट्रपति चुने गए और 25 जुलाई सन. 2002 को संसंद भवन में इन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाकर भारत देश का राष्ट्रपति बनाया। राष्ट्रपति बनने के बाद अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई सन. 2007 तक देश की सेवा की। अब्दुल कलाम व्यक्तिगत रूप से अनुशासनप्रिय और शाकाहरी व्यक्ति थे। उन्होंने युवा पीड़ी के मार्गदर्शन के लिए कई किताबें भी लिखी जो बहुत लोकप्रिय भी रहीं। अब्दुल कलाम परमाणु शक्ति के क्षेत्र में भारत को सबसे आगे करना चाहते थे।

राष्ट्रपति कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान (IMS) शिलांग, अहमदाबाद, इंदौर, भारतीय विज्ञान संस्थान और बैंगलोर के मानद फैलो के प्रोफेसर बने। ऐसी और भी संस्थाओं व विश्वविद्यालय के साथ जुड़कर उन्होंने पढ़ाया व वहाँ पर सहायक भी बने।

मृत्यु


27 जुलाई सन. 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में लेक्चर देते वक्त अब्दुल कलाम को दिल का दौरा पड़ा, जिससे वो वहीं पर गिरकर बेहोश हो गए। अब्दुल कलाम को बेथानी अस्पताल ले जाया गया परन्तु बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुँचने के 2 घंटे पश्चात वहाँ के डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 30 जुलाई सन. 2015 को पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में उन्हें दफनाया गया। स्वर्गीय अब्दुल कलाम के सम्मान में भारत सरकार ने सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा भी की।















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